रविवार, 10 जुलाई 2011

मूर्ति

एक बार पहाड़ियों के बीच में एक आदमी रहता था जिसके पास एक पुराने कलाकार द्वारा गढ़ी गयी एक मूर्ति थी | यह उसके दरवाजे पर औंधे मुंह पड़ी रहती थी, और वह इस पर कुछ ध्यान नहीं देता था |

एक दिन उसके घर के पास से एक शहरी, बुद्धिमान आदमी गुज़रा, और उस मूर्ति को देखने के बाद उसने उसके मालिक से पूछा कि क्या वह इस मूर्ति को बेचना चाहेगा |

मूर्ति का मालिक हँसा, और उसने कहा, "और दुआ करो कि कौन उस गंदे और भौंडे पत्थर को खरीदना चाहेगा ?"

और तब शहरी आदमी ने कहा, "मैं तुम्हें इसके लिए एक चांदी का सिक्का दूँगा |"

तब वह आदमी आश्चर्यचकित हुआ, और बेहद खुश हुआ

हाथी की पीठ पर, वह मूर्ति शहर में स्थानांतरित कर दी गयी | और कई तिथियों के बाद वह पहाड़ी आदमी शहर घूमने के लिए आया, और जब वह सडकों से गुजर रहा था, उसने एक दूकान के बाहर भीड़ देखी, और एक आदमी ऊंची आवाज में चिल्ला रहा था, "आओ , देखो दुनिया की सबसे
खूबसूरत और सबसे आश्चर्यजनक मूर्ति को देखो | मात्र दो चांदी के सिक्कों में एक महान कलाकार के महान कार्य को निहारो |"

और तब उस पहाड़ी आदमी ने दो चांदी के सिक्के अदा किये, और दूकान में उस मूर्ति को देखने के लिए घुसा जिसे उसने खुद एक चांदी के सिक्के के लिए बेच दिया था |


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