रविवार, 20 मार्च 2011

प्रेमगीत





कवि ने प्रेमगीत लिखा, बेहद खूबसूरत, और उसने इसकी कई सारी नक़ल तैयार की, और अपने दोस्तों और जानने वालों को, पुरुष और स्त्री दोनों को, यहाँ तक कि एक लड़की जिससे वह सिर्फ एक ही बार मिला था और जो पहाड़ों के दूसरी ओर रहती थी उसे भी, वो गीत भेज दिया |


और एक-दो दिन बाद एक संदेशवाहक उस लड़की की ओर से एक पत्र लेकर आया | पत्र में उसने लिखा था, "मैं तुम्हें यकीन दिलाना चाहती हूँ, कि जो प्रेमगीत तुमने मेरे लिए लिखा है, उसने मेरे दिल को छू लिया है | आओ, और मेरे माता पिता से मिलो, और उसके बाद हमें अपनी सगाई की तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए |"


कवि ने जवाबी पत्र लिखा, और उसमे उसने कहा, "मेरे दोस्त, यह एक कविह्रदय से निकला सिर्फ एक प्रेमगीत है, जो हर पुरुष द्वारा हर स्त्री के लिए गाया गया है |"


तब उस लड़की ने कवि को दुबारा पत्र लिखा और कहा, "झूठे और मक्कार ! शब्दों का पाखण्ड करने वाले ! आज से क़यामत के दिन तक मैं सभी कवियों से नफरत करती रहूंगी |"


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