बुधवार, 20 अप्रैल 2011

शांति और युद्ध

तीन कुत्ते धूप में लेटे हुए थे और बातचीत कर रहे थे | पहले कुत्ते ने आलस से कहा, "यह वाकई एक शानदार बात है कि हम एक कुत्ता-राज्य में जी रहे हैं | विचार करो कितनी आसानी से हम समुद्र के अन्दर सफ़र करते है, पृथ्वी के ऊपर और यहाँ तक कि आसमान में भी | और एक पल के लिए उन आविष्कारों का ध्यान करो जिन्होंने कुत्तों की जिंदगी आरामदेह बना दी, यहाँ तक कि हमारी आँखों और कानों और नाकों को भी आराम पहुँचाया |"

और दूसरे कुत्ते ने कहा, "ललित कलाओं के प्रति हमारा लगाव ज्यादा है | हम हमारे पूर्वजों से ज्यादा लय और ताल से चाँद को देखकर भौंकते हैं | और जब हम पानी में अपने आप को ताकते हैं तो देखते हैं कि हमारी शारीरिक बनावट, नाक-नक्श बीते दिनों से कहीं ज्यादा निर्मल व साफ़ हैं |"

तब तीसरे कुत्ते ने कहा, "लेकिन जो चीज मुझे सबसे ज्यादा दिलचस्प लगती है और मेरे दिमाग को घुमा देती है वो है कुत्ता-राज्यों के बीच मौजूद शांत समझदारी |"

उसी समय उन्होंने देखा कि कुत्ता पकड़ने वाला उनकी तरफ आ रहा है |

और तीनों कुत्ते तेजी से उठे और गली की ओर खिसक लिए, और जब वे दौड़ने लगे तीसरे कुत्ते ने कहा, "भगवान् की खातिर, सब अपनी जान बचाने के लिए भागो | सभ्यता हमारे पीछे है |"


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